भारत में ई-पासपोर्ट (e-Passport) की शुरुआत: डिजिटल इंडिया की एक और बड़ी छलांग

भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया पहल के तहत एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है — ई-पासपोर्ट (e-Passport) की शुरुआत। यह तकनीक-आधारित पासपोर्ट न केवल यात्रियों की सुविधा को बढ़ाएगा, बल्कि सुरक्षा के लिहाज़ से भी एक बड़ा बदलाव लाएगा। आज यह विषय पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना हुआ है, और सोशल मीडिया से लेकर समाचार चैनलों तक हर जगह इसकी बात हो रही है।

इस लेख में हम जानेंगे कि ई-पासपोर्ट क्या है, इसके क्या फायदे हैं, इसकी प्रक्रिया क्या है और आम नागरिकों को इससे क्या लाभ मिलेगा।

e-Passport

क्या है ई-पासपोर्ट (e-Passport)?

ई-पासपोर्ट एक इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट होता है जिसमें एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होती है। यह चिप पासपोर्ट धारक की व्यक्तिगत जानकारी और बायोमेट्रिक डाटा (जैसे कि फोटो और फिंगरप्रिंट) को सुरक्षित तरीके से संग्रहित करती है।

यह पासपोर्ट दिखने में सामान्य पासपोर्ट की तरह ही होता है लेकिन तकनीकी रूप से अधिक उन्नत होता है। यह ICAO (International Civil Aviation Organization) के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया जाता है।


भारत में ई-पासपोर्ट (e-Passport) की शुरुआत कब हुई?

ई-पासपोर्ट की बात सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में की थी। इसके बाद 2023 में ट्रायल बेसिस पर कुछ चुनिंदा पासपोर्ट ऑफिसों में इसकी शुरुआत की गई थी।

अब 2025 में भारत सरकार ने इसे देशभर में लागू करने की घोषणा कर दी है। 1 मई 2025 से सभी नए पासपोर्ट आवेदनकर्ताओं को ई-पासपोर्ट ही जारी किया जाएगा।


ई-पासपोर्ट के प्रमुख फायदे

  1. तेज़ इमिग्रेशन प्रक्रिया: ई-पासपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर प्रवेश और निकास प्रक्रिया तेज़ होगी, क्योंकि मशीनें आसानी से चिप से जानकारी पढ़ सकती हैं।
  2. बेहतर सुरक्षा: इसमें फर्जीवाड़े की संभावना बहुत कम होती है क्योंकि चिप में सेव जानकारी को हैक या बदलना बेहद कठिन है।
  3. आधुनिक तकनीक: यह पासपोर्ट पूरी तरह से ICAO के स्टैंडर्ड्स के अनुरूप है, जिससे इसे वैश्विक स्तर पर अधिक स्वीकार्यता मिलती है।
  4. बायोमेट्रिक सुरक्षा: फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान जैसी तकनीकों से पासपोर्ट धारक की असली पहचान सुनिश्चित होती है।
  5. डेटा सुरक्षा: इसमें AES और RSA जैसे एन्क्रिप्शन तकनीकों का प्रयोग किया गया है, जो डेटा को पूरी तरह से सुरक्षित बनाती है।

ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन कैसे करें?

यदि आप नया पासपोर्ट बनवा रहे हैं या पुराने पासपोर्ट का नवीनीकरण कर रहे हैं, तो ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. पासपोर्ट सेवा पोर्टल (www.passportindia.gov.in) पर जाएं।
  2. नई अपॉइंटमेंट बुक करें और आवेदन फॉर्म भरें।
  3. आवेदन शुल्क ऑनलाइन जमा करें।
  4. अपने नजदीकी पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) में अपॉइंटमेंट लें।
  5. निर्धारित तिथि पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ PSK जाएं और बायोमेट्रिक प्रक्रिया पूरी करें।
  6. यदि आप पात्र हैं, तो आपको ई-पासपोर्ट जारी किया जाएगा।

किन शहरों में ई-पासपोर्ट पहले मिलेगा?

भारत सरकार ने इस सुविधा को फेज-वाइज़ लागू करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में निम्नलिखित महानगरों में ई-पासपोर्ट मिलना शुरू हुआ है:

  • नई दिल्ली
  • मुंबई
  • बेंगलुरु
  • चेन्नई
  • हैदराबाद
  • कोलकाता
  • अहमदाबाद
  • पुणे

धीरे-धीरे इसे देश के अन्य क्षेत्रों में भी उपलब्ध कराया जाएगा।


क्या मौजूदा पासपोर्ट धारकों को नया पासपोर्ट बनवाना पड़ेगा?

नहीं। मौजूदा पासपोर्ट धारकों के लिए ई-पासपोर्ट लेना अनिवार्य नहीं है। जब आपका पासपोर्ट रिन्यू होगा, तभी आपको ई-पासपोर्ट मिलेगा। यानी, जब भी आप नया पासपोर्ट बनवाने जाएंगे, तब यह सुविधा स्वतः मिल जाएगी।


ई-पासपोर्ट और सामान्य पासपोर्ट में अंतर

विशेषतासामान्य पासपोर्टई-पासपोर्ट
चिप लगी होती हैनहींहां
बायोमेट्रिक डाटानहींहां
सुरक्षा स्तरसामान्यउच्च
इमिग्रेशन प्रक्रियाधीमीतेज़
ICAO मानकआंशिकपूर्ण

जनता की प्रतिक्रिया

ई-पासपोर्ट को लेकर आम जनता में उत्साह है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है कि यह भारत को डिजिटल रूप से आगे बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेषकर ऐसे नागरिक जो अक्सर विदेश यात्रा करते हैं, उनके लिए यह सुविधा काफी लाभकारी साबित होगी।


निष्कर्ष

ई-पासपोर्ट की शुरुआत भारत की तकनीकी तरक्की की दिशा में एक और मील का पत्थर है। यह न केवल नागरिकों को स्मार्ट और सुरक्षित यात्रा की सुविधा देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को और मज़बूती देगा।

यदि आपने अभी तक पासपोर्ट नहीं बनवाया है या आपका पासपोर्ट रिन्यू होने वाला है, तो अब आपको मिलेगा एक स्मार्ट, सुरक्षित और डिजिटल ई-पासपोर्ट


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