bounce rate kya hain – What is bounce rate in hindi 2023

bounce rate kya hain: बाउंस रेट के बारे में हम सभी blog या website owner जरूर पता होना चाहिए की बाउंस रेट क्या है क्योंकि website के Ranking मैं bouncing rate बहुत ही अहम सा होता है और इस लेकर सहारे आप सीखेंगे की bounce rate kya hain और वेबसाइट की bounce rate कितनी होनी चाहिए? अपनी वेबसाइट का बाउंस रेट कैसे कम करें

सारे ब्लॉगर bounce rate का नाम सुनकर थोड़ा confused हो जाते हैं टेंशन नहीं लो इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप bounce rate के नाम से फ्री हो जाएंगे और अब आपको बताते हैं कि आपने google Analytics या अन्य SEO tools वाली साइट पर bounce rate लिखा देखा होगा

SEO की bounce rate बहुत ही इंपॉर्टेंट factor होता है क्योंकि बाउंस रेट का असर डायरेक्ट वेबसाइट या ब्लॉक पर पड़ता है traffic ranking और earning पर पड़ता है इसलिए आपको अपनी साइड के बाउंस रेट का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है

यदि आप अपने blog के search performance को बेहतर करना चाहते हैं तो अपने blog की बाउंस रेट कम करनी होगी बस आपको कुछ जरूरी बातें ध्यान रखनी है अपनी वेबसाइट का बाउंस रेट आसानी से कम कर सकते हैं
तो चलिए आप को समझाने की कोशिश करते हैं कि bounce rate kya hain? what is bounce rate in hindi?
बाउंस रेट कितना कम होना चाहिए अपनी वेबसाइट की bounce rate को कैसे कम करें

bounce rate kya hain – what is bounce rate in hindi

bounce और rate 2 शब्दों को मिलाकर हम पूछे bouncing rate का उच्चारण bounce मतलब “उछल” और rate रेड का मतलब डर टीशर्ट होता है यानी हम कह सकते हैं कि bounce rate blog या वेबसाइट के कुछ अंदर की औसत को बताता है
जब भी कोई विजिटर आपकी वेबसाइट पर आता है और वह फिर आपका post को पढ़ने के बाद दूसरा post को bina पड़े हमारी वेबसाइट से तुरंत वापस चला जाता है एग्जिट कर लेता है तो इसे बाउंस कहते हैं और इसी प्रकार हमें बाउंस के औसत bounce रेट कहते हैं

bounce rate kya hain

बाउंस रेट की परिभाषा – definition of bounce rate in Hindi

हम बाउंस रेट को is प्रकार परिभाषित कर सकते हैं जैसे bounce rate kya hain कि किसी भी वेबसाइट में विजिटर जो किसी एक वेब पेज को देखने के बाद वेबसाइट से एग्जिट कर लेते हैं उन विजिटर की संख्या के औसत माप को बाउंस रेट कहते हैं
माना जैसे की वेबसाइट का बाउंस रेट 60℅ visitors ऐसा है जो एक वेब पेज को देखने के बाद साइड से चले जाते हैं

बाउंस रेट का SEO पर प्रभाव क्या -बाउंस रेट effect in SEO

अभी तक आप समझ रहे हैं कि bounce rate kya hain जानते हैं कि बाउंस रेट से अधिक होने से वेबसाइट की रैंकिंग आप पड़ता है जब भी किसी वेबसाइट का बाउंस रेट होता है तो सर्च इंजन को यह संकेत जाता है कि वेबसाइट अच्छी नहीं है इस पर अच्छा कान्वेंट पब्लिक नहीं किया गया है

जब सर्च इंजन को नकारात्मक वेबसाइट पर चीजें देखने को मिलेंगे तो वेबसाइट की रैंकिंग गिरने लगेगी और वेबसाइट पर ट्रैफिक बहुत कम होगा ट्रैफिक कम होने का मतलब है ब्लॉक से कमाई भी नहीं हो पाएगी इसलिए बाउंस रेट को मैनेज करना बहुत जरूरी होता है

website का अधिक होना हर समय वेबसाइट के लिए खराब signal नहीं होता है क्योंकि कई लोग अबे पेट पर आते हैं और अपने मतलब की जानकारी को पढ़कर एग्जिट कर लेते हैं यहां पर युवकों अपनी quarries काम मिल जाता है लेकिन वे का बाउंस रेट कम हो जाता है

यहां पर concepts pogo sticking का में गूगल यह देखना है कि यूजर कितने देर तक वेबसाइट पर रुका है और वह same query के लिए वह किसी दूसरी वेबसाइट पर गया है pogo Sticking वेबसाइट की रैंकिंग के लिए हमेशा एक खराब लेकिन bounce rate हर बार नहीं आता

blog or website का bounce rate कितना कम होना चाहिए

bounce rate kya hain: हर एक ब्लॉग और वेबसाइट का बांस रेट अलग-अलग होता और यह निर्भर करता है कि दुनिया वेबसाइट किस टॉपिक पर बना है जानते हैं कि बाउंस रेट कितना होना चाहिए
यहां दिए गए हैं अलग-अलग वेबसाइट के बाउंस रेट के आंकड़े

Bounce rate kya hain IN HINDI

ब्लॉग – 45% से 90%
Lead Generate करने वाली WEBSITE – 40% से 60%
Singal Landing Pages – 75% से 90%
Content वाली WEBSITE – 45% से 60%
Services देने वाली WEBSITE – 10% से 30%
सामान बेचने वाली WEBSITE – 20% से 40%

blog का bounce rate कम होता है क्योंकि जब भी कोई यूजर blog पढ़ने आता है और बहनों को पड़ता है उसे जो जानकारी चाहिए होती है वह पढ़ लेता है और वह पैसे एग्जिट हो जाता है बाउंस रेट ओपन नीचे होता रहता है

बाउंस रेट कैसे चेक करें

bounce rate kya hain: bounce को चेक करना बहुत ही आसान है तो चलिए आपको बताते हैं कि बाउंस रेट कैसे चेक करें अपने ब्लॉग वेबसाइट को google Analytics से करना होगा और यहां पर आप आइडिया के सेक्शन पर जाकर अपने ब्लॉक का बांस रेट को आसानी से क्या कर सकते हैं
अपनी वेबसाइट पर ब्लॉक का बोनस रेट चेक कर सकते हैं

read more : free-mein-blog-kaise-banaye

bounce rate checkers tool for website or blog in hindi

SEMrush tool
google analytics
alexa traffic analytics

बाउंस रेट बढ़ने के क्या कारण होते हैं

बाउंस रेट बढ़ने का बहुत से कारण होते हैं इनमें से कुछ मुख्य कारण हम आपको बताने वाले हैं जिससे आपको ध्यान में रखकर पूछी आपसे वेबसाइट या ब्लॉग पर बांस रेट को सामान रख सकते हैं

#web page का स्लो होना

किसी वेबसाइट के पेट की स्पीड open होते समय धीमी होती है तो बाउंस रेट बढ़ने का effect होता है वेबसाइट की लोडिंग स्पीड से बड़ा ranking factor होती है

यदि कोई भी दिल पर आपके ब्लॉग पर आते हो और आपका ब्लॉग बहुत धीरे-धीरे लोड हो रहा है तो विजिटर बिना पढ़े ही आपके ब्लॉक से निकल जाता है इसमें वेबसाइट को जल्दी लोड करने के लिए अच्छी web hosting का इस्तेमाल करना चाहिए

#user का ध्यान केंद्रित करना

यदि युवक का ध्यान केंद्रित नहीं करेंगे तो आपका बहुत से कभी कम नहीं होगा जब भी आप कोई कांटेक्ट लिखते हैं तो वह छोटा और फालतू कांटेक्ट ना लिखे लोग को लिखने पर इंटरनेट बैंकिंग और वीडियो जरूरी टिप्स और इमेजेस आदि का यूज करने से बाउंस रेट बढ़ जाता है

  • black page और technical error का होना
  • यह भी एक बड़ा कारण है bounce रेट मेका जैसे
  • किसी वेबपेज का ओपन नहीं होना
  • वेब पेज का ब्लैंक होना या फ्रेश होना
  • किसी वेबपेज में ब्रोकन लिंक का होना
  • इमेज का सही से लोड नहीं होना
  • वेब पेज पर बहुत एड्स का होना
  • Amp setup सही से नहीं होना
  • popup या banner का पूरे पेज पर आने के बाद ना हटना आदि
  • low quality content क का होना

यह भी एक बहुत बड़ा कारण है बाउंस रेट बढ़ने का यदि आप क्वालिटी आर्टिकल लिखते हैं जिसमें यूजर के सवाल का जवाब खोजने  को उसी सवाल से रिलेटेड दूसरे वेब पेज पर विजिट करने के लिए प्रेरित नहीं करते तो यह आपके ब्लॉक के लिए सही नहीं होगा इससे आपके वेब पेज पर बाउंस रेट बढ़ेगा और गूगल रैंकिंग पर भी इफेक्ट होता रहेगा

#internal linking और आउट बाउंस link को गलत तरीके से करना

internal linking और एडवांस लिंक को गलत तरीके से यूज करेंगे तो आपके ब्लॉग या वेबसाइट का बाउंस रेट ज्यादा हो जाएगा
आउट बाउंस linking पर सावधानी नहीं रखी तो आपके विजिटर दूसरे वेबसाइट पर चले जाएंगे

visitors friendly heading डालें

बाहर से कुछ और अंदर से कुछ और ऐसा होना किसी को भी बुरा लगेगा अक्सर ब्लॉगर यह गलती करते हैं और clickbait heading कमाल करते हैं जो बिल्कुल सही नहीं है
तो यह बात हम blog के साथ link करे तो बात यह है अगर आप अपना heading अच्छे दिया हो अपने हिसाब से लेकिन मैं विजिटर को समझ में नहीं आ रहा है
और वह हेडिंग उस प्रकार अंदर कुछ और टॉपिक के बारे में लिखा गया है इसे विजिटर का भरोसा कम हो जाएगा आपके साइड के ऊपर से और वह आपकी पोस्ट को छोड़कर चला जाएगा इसलिए हेडिंग पर खास तौर से ध्यान देना चाहिए जो हेडिंग है उसी से रिलेटेड पोस्ट में लिखा होना चाहिए
अगर एक भी सीट आपकी साइट पर आया और वह एक आर्टिकल को अच्छे से पढ़ा और उसके बाद उसने दूसरे आर्टिकल के हेडिंग को पढ़ने के बाद वह वापस चला गया
तो इससे क्या होगा आपको पता ही होगा आपकी साइड का बांस रेट ज्यादा हो जाएगा आपका कांटेक्ट जितना हो सके अपडेट रखें जिससे कि इंफॉर्मेशन मिले और विजिटर आपकी साइड में बने रहें अच्छे कांटेक्ट की वजह से गूगल में बहुत जल्दी रंग होता है

content formating पर फोकस करें

तो इसका मतलब यह है कि आपको अपना अधिकार अच्छे से लिखना है इधर-उधर word नहीं होनी चाहिए आर्टिकल में इधर-उधर वर्ड्स होंगे तो विजिटर आपके पोस्ट से चला जाएगा उसे अच्छा नहीं लगेगा
जब पोस्ट को एडिट करते हो तो बना रहता है उन पर थोड़ा जो डालें और पैराग्राफ फॉर्मेटिंग पर थोड़ा फोकस करने वाला लंबा-चौड़ा पैराग्राफ मत लिखिए जिससे डिजिटल को पढ़ने में दिक्कत आए

mobile friendly blog

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आजकल मोबाइल USER पर सबसे ज्यादा है इसलिए हम अपने जियो को मोबाइल फ्रेंडली बनाए तो ज्यादा बेहतर है
आप सब लोग जितना ज्यादा मोबाइल फ्रेंडली होगा उतना ही ज्यादा आपके डिजिटल को आपका ब्लॉग पसंद आएगा 60℅ डिजिटल मेरे हिसाब से मोबाइल यूजर होते हैं तो आपके साइड का template mobile friendly होना चाहिए

bounce rate और exits rate मैं अंतर

जैसा कि आपको हमने पहले बताया है कि बाउंस रेट किसी वेबसाइट के फर्स्ट पेज पर विजिट द्वारा एक्टिविटी होने के बाद वेबसाइट को छोड़कर जाना प्रतिशत पर निर्भर करता है

इसके विपरीत एग्जिट रेट यूजर के द्वारा लैंडिंग पेज के बाद दूसरे या तीसरे या चौथे पेज तब जाकर उस वेबसाइट से बाहर आ जाने के प्रतिशत पर निर्भर करता है

निष्कर्ष

हमने आपको इस लेख में विस्तार से बताया है कि bounce rate kya hain  यदि आपको इस लेख में बाउंस रेट के बारे में सारी जानकारी मिल गई है तो आपको समझ आ गया होगा कि बाउंस रेट हमारी वेबसाइट के लिए कितना जरूरी होता है

यदि आपको बाउंस रेट कम करना है तो आप इस लेख को स्टेप बाय स्टेप पढ़कर अपनी वेबसाइट का बाउंस रेट कम कर सकते हो

अगर यह article से आपको कुछ भी समझ आया है तो आप यह अपने दोस्तों में शेयर कर सकते हो

Leave a Comment